ऑलम्पिक की एक और सफलता
नीरज चोपड़ा
(Niraj Chopra)
(Niraj Chopda)
टोक्यो में आयोजित ऑलम्पिक खेलों में भारत ने एक और सफलता हासिल की है और यह है, भारत के स्टार एथलीट नीरज चोपड़ा ने भाला फेंक प्रतियोगिता के ग्रुप-ए क्वालिफ़िकेशन में 83.50 मीटर का स्वत: क्वालिफ़िकेशन हासिल करके अपनी जगह फ़ाइनल में बना ली है। विशेष बात यह है कि कोई भी भारतीय एथलीट, अब तक ट्रैक एंड फ़ील्ड प्रतियोगिता में पदक नहीं जीत पाया है। टोक्यो ऑलम्पिक में इस कमी को पूरी करने की उम्मीद नीरज चोपड़ा से है। 23 वर्षीय नीरज चोपड़ा से पदक जीतने की पूरे भारत देश को उम्मीद है।
Niraj Chopra Latest Updates
यूँ तो नीरज चोपड़ा की टोक्यो ऑलम्पिक के लिए की जाने वाली तैयारियाँ उनको चोट लगने के कारण और कोविड की महामारी की वजह से कुछ हद तक प्रभावित हुईं थी, लेकिन उन्होंने निराश न करते हुए अपने इस सफल प्रदर्शन से पदक की उम्मीद बढ़ा दी है। नीरज चोपड़ा एशियाई खेलों, राष्ट्रमंडल खेलों और एशियाई चैम्पियनशिप के स्वर्ण पदक विजेता हैं।
(Niraj Chopra Biography)
नीरज चोपड़ा का जन्म 24 दिसम्बर, सन् 1997 को खंडरा, पानीपत, हरियाणा में हुआ था। एक ग़रीब किसान परिवार में जन्म होने के कारण खेल के लिए मिलने वाली सुविधाओं में कमी के कारण शुरुआती दौर में उन्हें काफ़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ा।नीरज के पास एक अच्छा भाला ख़रीदने के भी पैसे नहीं होते थे। मजबूरन उन्हें सस्ते भाले से प्रैक्टिस करनी पड़ती थी।आश्चर्य की बात यह है कि शुरुआत में उन्हें भाला फेंक में कोई रुचि नहीं थी, बल्कि कबड्डी में थी, बाद में उनका मन बदला और उनकी रुचि भाला फेंक में हो गयी।
नीरज एक गाँव में रहते थे और उनके गाँव में स्टेडियम न होने के कारण उन्हें प्रैक्टिस के लिए पानीपत जाना पड़ता था। नीरज अपने जीवन में सबसे ज़्यादा प्रभावित और प्रेरित अपने अच्छे दोस्त और सीनियर जयवीर से हुए।
Tokyo Olympics Niraj Chopra
इन मुश्किल हालातों से गुजर कर नीरज चोपड़ा ने टोक्यो ऑलम्पिक में जो सफलता हासिल की है वो वाक़ई क़ाबिले तारीफ़ है। उम्मीद है, नीरज चोपड़ा की सफलता का यह शानदार प्रदर्शन यूँ ही जारी रहेगा।
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