छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा
Chhatrapati Shivaji Maharaj International Airport
मुंबई: 1995 में बॉम्बे से इस शहर का नाम बदलकर मुंबई रखा गया। आज भी बॉम्बे यह नाम दुनिया में प्रसिद्ध है। मुंबई भारत की आर्थिक राजधानी मानी जाती है। देश का अधिकतर उद्योग इसी शहर से जुड़ा हुआ है। मुंबई भारत के महाराष्ट्र राज्य की राजधानी है। इस शहर में ढेर सारे बंदरगाह और रेल्वे स्थानक हैं पर जो बात इस शहर को खास बनती है, वह है, इस शहर का आलीशान हवाई अड्डा। छत्रपति शिवाजी महाराज हवाई अड्डा, मुंबई।
Mumbai Travel
विस्तार: छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा मुंबई शहर के सांताक्रूज़ पूर्व तथा विलेपर्ले के सहार में स्थित है। सहार में होने के कारण हवाई अड्डे को सहार हवाई अड्डा भी कहा जाता था। यह एक सार्वजनिक हवाई अड्डा है। यहां से सामान्य व्यक्ति के साथ-साथ उद्योगपति, व्यापारी, खिलाड़ी, अभिनेता, कलाकार रोजाना यात्रा करते हैं।
(Sahar airport)
दिल्ली हवाई अड्डे के बाद यह भारत का सबसे व्यस्त हवाई अड्डा है। भारत के सबसे स्वच्छ और सुंदर हवाई अड्डों में से एक। 2017 में World’s Best Airport होने का पुरस्कार भी छत्रपति शिवाजी महाराज हवाई अड्डे को दिया। गया यह हवाई अड्डा भारत को ही नहीं बल्कि मध्य एशिया का भी सबसे अच्छा हवाई अड्डा है। 2020 में इस हवाई अड्डे को Best Airport In Asia Pacific का पुरस्कार दिया गया।
Shivaji Maharaj International Airport
छत्रपति शिवाजी महाराज हवाई अड्डे के मालिक अदानी ग्रुप है और मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा लिमिटेड इसे चलाता है।
17 वी शताब्दी के भारत के महान राजा छत्रपति शिवाजी महाराज के नाम पर इस हवाई अड्डे का नाम रखा गया। 1999 तक इसे सहार हवाई अड्डे के नाम से जाना जाता था। मुंबई का अंधेरी रेल्वे स्थानक इस हवाई अड्डे से सबसे नजदीकी रेलवे स्थानक है।
इस हवाई अड्डे से लगभग 46 कंपनियों के विमान उड़ान भरते हैं, इनमें से मुख्यत: एयर इंडिया, ब्लू डार्ट एविएशन, डेक्कन 360, गो एयर, इंडियन, इंडिगो, जेट एयरवेज, किंगफिशर एयरलाइंस और स्पाइसजेट हैं।
Shivaji Maharaj Airport
देशांतर्गत की उड़ाने मुख्यता दिन में होती हैं तथा अंतरराष्ट्रीय उड़ाने रात में 10:00 के बाद ही होती हैं। सालाना लगभग 4 करोड अंतर्राष्ट्रीय यात्री यहां से यात्रा करते हैं। रोजाना लगभग 42000 लोग यहां से यात्रा करते हैं लेकिन यह संख्या कोरोना संक्रमण की वजह से घटकर 18000 तक आ गई है।
-अविनाश राजभर