मै कौन हूँ?
Story of eagle and chickens
किसान ने यह फैसला लिया कि वह उस अंडे को घर ले जाकर मुर्गियों के अंडों के साथ रखेगा। किसान ने ठीक वैसा ही किया। मुर्गी भी उस अंडे को अपना अंडा समझ कर उसका पालन पोषण करने लगी। कुछ ही दिनों में अंडों से बच्चे बाहर निकल आए। गरुड़ के अंडे में से भी गरुड़ का बच्चा निकला। (Hindi moral story)
बच्चे धीरे-धीरे बड़े होने लगे। गरुड़ का बच्चा भी मुर्गियों के बच्चों के साथ बड़ा होने लगा। उनके साथ खेत खलियान में घूमने लगा। उनके जैसा अनाज खाने लगा। जब बारिश होती तो, वह भी अन्य मुर्गी के बच्चों की तरह घर में छुप जाता। गरुड़ का बच्चा वैसा ही करता जैसे मुर्गी के बच्चे करते थे। (Hindi short story)
उसने अपनी पूरी जिंदगी मुर्गी के बच्चों के साथ बिताई। उसने आसमान की ओर कभी कबार ही देखा होगा, क्योंकि मुर्गी बच्चों ने भी ऐसा कभी नहीं किया था। मुर्गी के बच्चों के साथ एक लंबी उम्र गुजारने के बाद वह अपनी जिंदगी के आखिरी दिनों में था। (Hindi kahaani)
एक दिन वह हिम्मत करके आसमान की ओर देखता है। उसे दिखाई देता है कि, कुछ गरुड़ आसमान में ऊंची उड़ान भर रहे हैं। बहुत ही दुख के साथ वह खुद से कहता है: “काश मैं भी एक गरुड़ होता।”
आप भी अपनी जिंदगी को ध्यान से देखिए। आप भी एक गरुड़ ही पैदा हुए हैं लेकिन आपने एक मुर्गे के बच्चे की तरह रहने का तय किया है क्योंकि आपके आसपास के बाकी के लोग भी इसी तरह रह रहे हैं। (Story of eagle and chickens)
आपको सच में यह पता नहीं है कि, आप एक गरुड़ हैं। आप भी एक शेर हैं। आपके सपनों को पूरा करने के लिए जो चाहिए वह सब आपके अंदर है।
किसी को यह हक मत दीजिए कि, वह आपको बताए आप कौन हैं? आप भी मुर्गी की बच्चे की तरह जीना चाहते हैं तो, यह आपकी सबसे बड़ी गलती होगी। (Hindi motivational short story)
जब आपको पता चलेगा आप भी एक गरुड़ थे, तब तक शायद बहुत देर हो चुकी होगी। इसीलिए आप भी खुद को पहचान कर अपने सपनों को सपनों की उड़ान भरीए और इस बात पर भरोसा रखिए, आप वह सब पा सकते हैं, जो पाना चाहते हैं।
सीख: एक गरुड़ की तरह ऊँची उड़ान भरिए, आप के अंदर ही वो सब है, जिसकी आप को जरूरत है।
– अविनाश कुमार