Naughty White Rabbit : सफेद खरगोश शरारत से मुस्कुराया, किनारे से कूद गया, मगरमच्छ की पीठ पर बैठ गया और बोला, “एक।” वह उछल कर दूसरे मगरमच्छ की पीठ पर बैठ गया और बोला, “दो।” Naughty White Rabbit
शरारती सफेद खरगोश (naughty white rabbit)
नदी के किनारे एक सफेद खरगोश रहता था। हर दिन वह अपने घर से बाहर जाता और एक चट्टान पर बैठ जाता और बड़े अफसोस के साथ दूसरी तरफ के खूबसूरत बगीचों को देखता। वह सारा दिन यह सोचकर बिताता कि वह वहाँ भी पहुँच सकता है। और वह इन खूबसूरत बगीचों में बहुत अच्छी तरह चलता था। Naughty White Rabbit
दूसरे किनारे तक केवल तैरकर ही पहुंचा जा सकता था, लेकिन खरगोश तैरना नहीं जानता था और दूसरे किनारे के मनमोहक दृश्य उसे हर समय पुकारते रहते थे। Naughty White Rabbit
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एक दिन सफेद खरगोश इस सोच में डूब रहा था कि वह अचानक कूद गया। उसे नदी पार करने का बहुत अच्छा विचार आया। और वो मगरमच्छ के पास जाकर बोला मगरमच्छ भाई आप कैसे हो? क्या आप मुझे बता सकते हैं कि किसके अधिक दोस्त हैं, आपके या मेरे? Naughty White Rabbit
मगरमच्छ ने उत्तर दिया, खरगोश मेरे बहुत ज्यादा दोस्त है तुमसे ज्यादा।
खरगोश ने कहा ठीक है “अगर ऐसा है, तो अपने दोस्तों को बुलाओ और उन्हें लाइन में लगाओ। मैं उन सभी को गिनूंगा कि किसके अधिक दोस्त हैं। मैं भी अपने दोस्तों को बुलाऊंगा।” और आप उन्हें गिनना। Naughty White Rabbit
मगरमच्छ सहमत हो गया। उसने पानी में डुबकी लगाई और अपने सभी मगरमच्छ मित्रों को बुलाया और उन्हें एक लाइन में फैलने के लिए कहा।
सफेद खरगोश शरारत से मुस्कुराया, किनारे से कूद गया, मगरमच्छ की पीठ पर बैठ गया और बोला, “एक।” वह उछल कर दूसरे मगरमच्छ की पीठ पर बैठ गया और बोला, “दो।” छह, सात, आठ गिनते हुए वह कूद गया। आखिरी मगरमच्छ की पीठ पर पहुंच कर और दूसरी तरफ पहुंच गया। Naughty White Rabbit
जब सफेद खरगोश की इच्छा पूरी हुई, तो उसने खुशी से कहा, “मगरमच्छ भाइयों! बहुत-बहुत धन्यवाद। हा हा हा हा! आपने नदी पार करने में मेरी मदद जो की। मैने तुमको बेवकूफ बनाया। Naughty White Rabbit
खरगोश की बातें सुनकर सभी मगरमच्छ बहुत क्रोधित हो गए। उन्होंने अपना बड़ा और भयानक मुंह खोला और उस पर कूद पड़े, लेकिन खरगोश भाग गया। फिर भी एक मगरमच्छ की पूंछ उसके मुंह में आ गई और वह घायल हो गया। घाव के कारण खरगोश अपनी सारी शरारत भूल गया और रोने लगा। Naughty White Rabbit
उसी और एक माली बगीचे में काम कर रहा था। माली ने जमीन पर पड़े एक छोटे को खरगोश को रोता देख कर हैरान रहे गया। Naughty White Rabbit
माली को उस पर बहुत अफ़सोस हुआ और उसने उससे पूछा कि वह क्यों रो रहा है। खरगोश ने उसे अपनी पूरी कहानी सुनाई। Naughty White Rabbit
माली ने प्यार से उसके सिर को छुआ और कहा, “तुमने बहुत बुरा काम किया है। यदि तुम फिर से किसी को मूर्ख न बनाने का वचन दोगे, तो मैं तुम्हारा भला करूँगा।” Naughty White Rabbit
खरगोश ने कहा, “मैं वादा करता हूँ, अंकल माली। बस मेरे घाव को ठीक करो।”माली ने एक पेड़ से कई बड़े पत्ते और कोमल टहनियाँ तोड़ लीं और खरगोश के लिए एक टिक जैसा घोंसला बनाया और उससे कहा, इससे अच्छा होगा” Naughty White Rabbit
खरगोश घोंसले में आया और आँखें बंद करके लेट गया। लेटते ही उसकी आँख लग गई। और सुबह जब वह उठा, तो घाव ठीक हो गया। सामने बूढ़े माली को खड़ा देखकर वह खुश हुआ वह बैठ गया, और कहा, यदि मैं अब किसी को मूर्ख बनाऊं, तो भगवान मेरी सारी खाल फाड़ डालेगा। Naughty White Rabbit
शिक्षा: कभी भी झूठ मत बोलो और किसी को धोखा मत दो। झूठ और धोखे का अंत बहुत बुरा होता है।
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