Cardiology क्या है ?

जीवन के लिए स्वस्थ हृदय का होना आवश्यक है। हृदय हमारे शरीर का एक बेहद महत्वपूर्ण आंतरिक अंग है और एक हेल्दी लाइफस्टाइल जीने के लिए जरूरी है आमतौर पर लोग अपने दिल का ख्याल रखने के लिए खानपान से लेकर अन्य कई उपाय अपनाते हैं, लेकिन फिर भी कई बार लोगों को कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इस स्थिति में व्यक्ति को कार्डियोलॉजिस्ट को कंसल्ट करने की जरूरत पड़ती है। कार्डियोलॉजी चिकित्सा का एक प्रभाग है जो हृदय विकारों से संबंधित निदान और उपचार से संबंधित है। दिल के विकारों से निपटने वाले चिकित्सा चिकित्सकों को आमतौर पर कार्डियोलॉजिस्ट या हृदय रोग विशेषज्ञ कहा जाता है।

कार्डियोलॉजी क्या है ? What is cardiology ?

Cardiology मेडिकल language है, जो ऐसे डॉक्टर्स के लिए प्रयुक्त होता है जो दिल (heart) से सम्बंधित बीमारियां का इलाज करते है, यह इलाज सामान्य दवाइयों से लेकर सर्जरी तक हो सकता है। cardiologist heart disease का specialist होता है, यह दिल की छोटी से छोटी बीमारी से लेकर हार्ट अटैक जैसी बड़ी बीमारियों का इलाज करता है। यानी कि जो डॉक्टर heart सम्बंधित सभी प्रकार की बीमारियां का इलाज करते है उन्हें कार्डियोलॉजिस्ट कहते है, और इस कार्य को Cardiology कहते है।

Cardiologist heart specialist होता है, लेकिन इसमे भी कई पोस्ट होती है, कई तरह के कार्य होते है, जिसके लिए अलग अलग कार्डियोलॉजिस्ट होते है। आप नीचे देख सकते है।

  • Cardiovascular Technologist
  • Assistant Cardiology Supervisor
  • Cardiac Catheterization Technologist
  • Cardiology Surgeon
  • Cardiology Technologist
  • Interventional Cardiologist
  • ECG (Electro Cardio Graphic )
  • Electro Cardiography Technician
  • Nuclear Cardiologist

हृदय स्वास्थ्य की स्थिति के लक्षण क्या हैं?

हृदय की स्थिति वाले व्यक्ति के कुछ सामान्य लक्षण इस प्रकार हो सकते हैं

  • सास फूलना
  • चक्कर आना
  • हाई बीपी
  • हाथ पैर में दर्द
  • छाती में दर्द
  • सुन्न होना
  • दिल की धड़कन धीमी होना
  • छाती में बेचैनी

कुछ हृदय दोष जन्म के समय मौजूद होते हैं और उन्हें जन्मजात हृदय दोष कहा जाता है। व्यक्ति की अस्वास्थ्यकर जीवनशैली प्रथाओं से अधिकांश हृदय रोग होते हैं।

क्या होता है कार्डियक अरेस्ट ?

हृदय गति का अचानक रूक जाना कार्डियक अरेस्ट कहलाता है। यह अक्सर बिना किसी चेतावनी के और अचानक होता है। कार्डियक अरेस्ट, दिल में विद्युत संवेग में खराबी से शुरू होता है जो अनियमित दिल की धड़कन का कारण बनता है। जब दिल की पंपिंग क्रिया बाधित होती है तब हमारा हृदय, मस्तिष्क, फेफड़े और अन्य अंगों में रक्त पंप नहीं कर पाता या अक्षम हो जाता है। धीरे धीरे, व्यक्ति चेतना खोना आरम्भ कर देता है और उसकी पल्स या नाड़ी बंद हो जाती है। यह पूरी स्थिति कार्डियक अरेस्ट कहलाती है। अगर कार्डियक अरेस्ट से पीड़ित व्यक्ति को इलाज नहीं मिलता है तो उसकी कुछ ही मिनटों के भीतर मौत हो सकती है।

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